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Chhath Puja मनाने के लिए भारत के Top 5 घाट

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Chhath Puja 2025 में भारत के इन 5 प्रसिद्ध घाटों पर जरूर जाएं। पटना का गांधी घाट, दिल्ली का कालिंदी कुंज, कोलकाता का रबिंद्र सरोवर और अन्य घाटों की विशेषताएं जानें। यहां का अनूठा माहौल आपकी आस्था को और गहरा कर देगा।

भारत के 5 सबसे प्रसिद्ध घाट जहाँ मनाई जाती है भव्य Chhath Puja 2025

Chhath Puja 2025 भारत के सबसे महत्वपूर्ण और आस्थापूर्ण लोक पर्वों में से एक है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है, जिसमें सूर्य की उपासना कर उन्हें जल अर्पित किया जाता है। इस पर्व की सबसे खास बात है नदियों, तालाबों और घाटों पर सजावट और श्रद्धालुओं का उमड़ता हुआ सैलाब। अगर आप 2025 में छठ पूजा के पवित्र माहौल और अद्भुत आस्था का अनुभव करना चाहते हैं, तो भारत के ये 5 प्रसिद्ध घाट आपके लिए बेहतरीन स्थान हैं। आइए जानते हैं इन घाटों के बारे में विस्तार से।

1. गांधी घाट, पटना, बिहार

पटना को छठ पूजा की राजधानी कहा जाए तो गलत नहीं होगा, और गांधी घाट यहाँ का सबसे प्रमुख और भव्य घाट है। गंगा नदी के किनारे बसा यह घाट छठ पूजा के दौरान एक दिव्य स्वरूप धारण कर लेता है।

  • विशेषताएं:
    • भव्य सजावट: इस घाट को दीयों, फूलों और रंगोली से खूबसूरती से सजाया जाता है। पूरा घाट रोशनी से जगमगा उठता है।
    • श्रद्धालुओं की भीड़: यहाँ देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु छठ व्रत करने और अर्घ्य देने आते हैं। भक्ति गीतों की गूंज और व्रतियों की आवाजें पूरे वातावरण को पवित्र बना देती हैं।
    • सुविधाएं: सरकार द्वारा यहाँ श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की जाती है, जिसमें सफाई, सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं।
  • क्यों जाएं? असली और परंपरागत छठ पूजा की शुद्धता और भव्यता का अनुभव करने के लिए गांधी घाट सबसे उत्तम स्थान है।

2. कालिंदी कुंज, दिल्ली

राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के किनारे बसा कालिंदी कुंज घाट उत्तर भारत के सबसे बड़े और सुव्यवस्थित छठ घाटों में से एक है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लाखों प्रवासी यहाँ छठ पूजा मनाने आते हैं।

  • विशेषताएं:
    • विशाल क्षेत्र: यह घाट बहुत बड़े इलाके में फैला हुआ है, जिससे यहाँ हजारों लोग एक साथ अर्घ्य दे सकते हैं।
    • अनुशासन और व्यवस्था: प्रशासन द्वारा यहाँ छठ पूजा के दौरान कड़ी सुरक्षा और अन्य जरूरी सुविधाओं का प्रबंध किया जाता है।
    • सांस्कृतिक एकता का प्रतीक: यह घाट देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता को दर्शाता है, जहाँ सभी समुदाय के लोग एक साथ आकर इस पवित्र पर्व को मनाते हैं।
  • क्यों जाएं? अगर आप उत्तर भारत में रहते हैं और बिना लंबी यात्रा किए छठ पूजा के पवित्र माहौल में शामिल होना चाहते हैं, तो कालिंदी कुंज आदर्श स्थान है।

3. रबिंद्र सरोबर, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

कोलकाता में स्थित रबिंद्र सरोबर झील छठ पूजा के लिए पूर्वी भारत का एक प्रमुख केंद्र है। बिहार और झारखंड से आए लोगों की बड़ी आबादी के कारण, यह स्थान छठ के दौरान बेहद खास हो जाता है।

  • विशेषताएं:
    • सुंदर वातावरण: झील का शांत और विशाल जलाशय छठ पूजा के लिए एक सुखद अनुभव प्रदान करता है।
    • उत्सव का माहौल: यहाँ का माहौल बेहद उत्साहपूर्ण और भक्तिमय होता है। झील के किनारे-किनारे व्रतियों की लंबी कतारें एक अद्भुत दृश्य पैदा करती हैं।
    • आसान पहुंच: कोलकाता शहर में स्थित होने के कारण यहाँ पहुँचना आसान है।
  • क्यों जाएं? कोलकाता और पूर्वी भारत में छठ पूजा की श्रद्धा और उमंग का अनुभव लेने के लिए रबिंद्र सरोबर सबसे बेहतरीन जगह है।

4. साईं बाबा घाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

वाराणसी, जिसे धर्म की नगरी कहा जाता है, वहाँ छठ पूजा का अपना ही एक अलग महत्व है। गंगा नदी के किनारे बने साईं बाबा घाट (अस्सी घाट के पास) पर छठ पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है।

  • विशेषताएं:
    • आध्यात्मिक वातावरण: वाराणसी का आध्यात्मिक वातावरण छठ पूजा की पवित्रता को और बढ़ा देता है। गंगा आरती और छठ की रस्में एक साथ देखने को मिलती हैं।
    • ऐतिहासिक परिवेश: प्राचीन घाटों और मंदिरों के बीच छठ पूजा मनाना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।
  • क्यों जाएं? अगर आप आध्यात्मिकता और ऐतिहासिक परिवेश के बीच छठ पूजा मनाना चाहते हैं, तो वाराणसी का साईं बाबा घाट आपके लिए सही विकल्प है।

5. इंद्रपुरी घाट, रांची, झारखंड

रांची में स्थित इंद्रपुरी घाट झारखंड राज्य में छठ पूजा का एक प्रमुख केंद्र है। यह घाट हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

  • विशेषताएं:
    • प्राकृतिक सौंदर्य: रांची को झरनों की नगरी कहा जाता है, और यहाँ के घाटों का प्राकृतिक वातावरण बहुत मनमोहक होता है।
    • साफ-सफाई और प्रबंधन: इस घाट को साफ-सुथरा रखा जाता है और छठ पूजा के दौरान यहाँ अच्छा प्रबंधन देखने को मिलता है।
  • क्यों जाएं? झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती के बीच शांति और आस्था से भरी छठ पूजा मनाने के लिए इंद्रपुरी घाट एक उत्तम स्थल है।

Chhath Puja 2025 सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, समर्पण और प्रकृति की पूजा का एक महान उत्सव है। ये सभी घाट न सिर्फ धार्मिक स्थल हैं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सद्भाव के केंद्र भी हैं। 2025 में छठ पूजा के अवसर पर अगर आप इनमें से किसी भी घाट पर जाने का अवसर पाएं, तो एक बार जरूर जाएं। वहां का पवित्र वातावरण, भक्ति के गीतों की गूंज और सूर्य देव को दिया जाने वाला अर्घ्य आपके मन को एक अद्भुत शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देगा। यह अनुभव आपको भारतीय संस्कृति की गहराई और सुंदरता से रूबरू कराएगा।


FAQs

1. Chhath Puja 2025 में कब है?
जवाब: छठ पूजा हिंदू कैलेंडर के कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। 2025 में, यह पर्व नवंबर महीने में पड़ने की संभावना है। सटीक तिथियों की जानकारी कैलेंडर के अनुसार त्योहार के नजदीक आने पर ही उपलब्ध होगी।

2. क्या गैर-व्रती लोग भी इन घाटों पर जा सकते हैं?
जवाब: जी हां, बिल्कुल। गैर-व्रती लोग भी इन घाटों पर जाकर छठ पूजा के पवित्र माहौल का आनंद ले सकते हैं और व्रतियों को प्रसाद वितरण में मदद कर सकते हैं। बस श्रद्धा और सम्मान के साथ वहां उपस्थित रहें।

3. इन घाटों पर जाने के लिए क्या कोई विशेष सुझाव है?
जवाब: हां, कुछ बातों का ध्यान रखें:

  • भीड़ बहुत होती है, इसलिए सावधानी बरतें और अपने सामान का ख्याल रखें।
  • घाटों की सफाई का सम्मान करें, कूड़ा कचरा यहां-वहां न फेंके।
  • प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर शोर न मचाएं और पूजा में व्यवधान न डालें।

4. क्या इन घाटों पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है?
जवाब: जी हां, इन प्रमुख घाटों पर प्रशासन द्वारा आमतौर पर पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जाती है। हालाँकि, त्योहार के दिनों में वाहनों की संख्या बहुत अधिक होती है, इसलिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना ज्यादा बेहतर रहता है।

5. क्या इन घाटों पर प्रसाद मिलता है?
जवाब: जी हां, छठ पूजा के दौरान इन घाटों के आसपास प्रसाद के रूप में ठेकुआ, कसार, केला, नारियल आदि खरीदने के लिए कई स्टॉल लगे होते हैं। साथ ही, व्रती भी अपने साथ लाए प्रसाद का वितरण करते हैं।

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