लोकसभा में वंदे मातरम पर राजनाथ सिंह भड़के, विपक्ष को चिल्लाया ‘कौन बिठाने वाला है? कौन बिठाएगा?’। कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप। पूरा वीडियो, स्पीच हाइलाइट्स और विवाद।
‘कैसे हिम्मत हुई’: राजनाथ का विपक्ष को धमकी भरा जवाब, वंदे मातरम विवाद गहराया
लोकसभा में राजनाथ सिंह का गुस्सा फूटा: ‘कौन बिठाने वाला है? कौन बिठाएगा?’ विपक्ष को लताड़ा
दोस्तों, संसद का विंटर सेशन हमेशा हॉट रहता है, लेकिन सोमवार को लोकसभा में जो हुआ वो वायरल हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वंदे मातरम पर बोल रहे थे। बीच में विपक्ष के सांसद चिल्लाने लगे – ‘बैठ जाओ!’। राजनाथ भड़क गए। गुस्से में बोले – ‘कौन बिठाने वाला है? कौन बिठाएगा?’ फिर हिंदी में जोड़ा – ‘क्या बात कर रहे हो… बैठ!’। बीजेपी सांसद भी चिल्लाए। स्पीकर ओम बिरला को बीच-बचाव करना पड़ा। वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। आखिर क्या था विवाद? चलिए पूरी बात समझते हैं।
ये वाकया वंदे मातरम पर राजनाथ की स्पीच के दौरान हुआ। पीएम मोदी के भाषण के बाद राजनाथ ने कांग्रेस पर हमला बोला। कहा – वंदे मातरम को अलग-थलग किया गया। राष्ट्रगान को जगह मिली लेकिन राष्ट्रीय गीत को किनारे धकेल दिया। 1937 में कांग्रेस ने फैसला लिया जहां बंकिम चंद्र ने ये लिखा था। ये गीत नहीं, आजादी की भावना का अपमान था। राजनाथ बोले – वंदे मातरम अमर है, इसे सीमित करने की कोशिश धोखा। आज तुष्टिकरण की राजनीति का आगाज यहीं से हुआ।
वंदे मातरम का इतिहास: स्वतंत्रता संग्राम से संसद तक
वंदे मातरम की रचना 1882 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने आनंदमठ उपन्यास में की। 1905 में बंगाल विभाजन के खिलाफ नारा बना। ब्रिटिश ने बैन किया लेकिन लोग गाते रहे। 1937 लखनऊ कांग्रेस सेशन में विवाद – मुस्लिम लीग ने आपत्ति जताई। नेहरू सरकार ने राष्ट्रगान को प्राथमिकता दी। राजनाथ ने कहा – दोनों को बराबर सम्मान मिलना चाहिए था। आज स्कूलों, कार्यक्रमों में गाया जाता लेकिन पूरा सम्मान नहीं।
5 FAQs
- राजनाथ ने क्या कहा विपक्ष को?
‘कौन बिठाने वाला है? कौन बिठाएगा? क्या बात कर रहे हो… बैठ!’ - वंदे मातरम विवाद कब शुरू?
1937 कांग्रेस सेशन में। - स्पीच का मुख्य मुद्दा?
राष्ट्रीय गीत को किनारे लगाना, तुष्टिकरण। - वीडियो कहां वायरल?
X (ट्विटर) पर, #RajnathSingh ट्रेंड। - स्पीकर का रिएक्शन?
हस्तक्षेप कर शांत कराया।
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