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गोरखपुर के अस्‍पतालों में शुरू हुई ओपीडी, मरीजों को मिली राहत

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गोरखपुर। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के कम होने के सा‍थ ही शुक्रवार से यूपी के अन्‍य जिलों की तरह ही गोरखपुर के भी सरकारी अस्‍पतालों में भी ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। ओपीडी सेवा शुरू होने के बाद सामान्‍य और संक्रामक रोगों से ग्रसित मरीजों को राहत मिल गई है। जिला अस्‍पताल के साथ सीएचसी, पीएचसी पर भी मरीज अपना इलाज कराने के लिए पहुंचे। हालांकि सरकारी अस्‍पतालों में पूर्व की भांति अभी भीड़ नहीं हो रही है, लेकिन आमतौर पर विभिन्‍न तरीके के सामान्‍य और संक्रामक रोगों से ग्रसित मरीज भी चिकित्‍सक के पास दवा और इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं।

गोरखपुर के जिला चिकित्‍सालय में खुली ओपीडी में आने वाले मरीजों और चिकित्‍सकों से भी बातचीत की। उन्‍होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर कम होने के साथ ही मरीजों को राहत जरूर मिली है। वहीं धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्‍सक भी यहां पर आने वाले मरीजों को इलाज पूरी तत्परता के साथ कर रहे हैं।  काउंटर पर जहां मरीजों का पर्चा बन रहा है।

सड़क हादसे में घायल होने वाले मरीज भी ओपीडी खुलने के पहले दिन चिकित्‍सालय में इलाज कराने के लिए पहुंचे। गोरखपुर के डांगीपार के रहने वाले बीनू के पैर में दुर्घटना से फ्रैक्‍चर हो गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्‍सालय में उनका प्‍लास्‍टर लगा है। यहां पर ओपीडी शुरू होने से काफी सुविधा हो गई है।  गोरखपुर के घंटाघर के रहने वाले प्रियांशु गुप्‍ता ने बताया कि क्रिकेट खेलते समय चोट लगने से उनका पैर फ्रैक्‍चर हो गया है। वे यहां पर प्‍लास्‍टर लगवाने के लिए आए हैं। उन्‍होंने बताया कि जिला चिकित्‍सालय में ओपीडी खुलने से काफी सुविधा हो गई है।

गोरखपुर जिला चिकित्‍सालय के फिजीशियन डा. राजेश कुमार ने कहा कि ओपीडी आज से यूपी में शुरू हुई है। गोरखपुर के जिला चिकित्‍सालय में भी वे लोग आने वाले मरीजों का इलाज और दवाएं लिख रहे हैं। पहला दिन होने के नाते भीड़ कम है। सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करते हुए मरीज को देख रहे हैं। ओपीडी खुलने से मरीजों को काफी सुविधा हो गई है। वे यहां पर आ रहे हैं और अपना इलाज करा रहे हैं। सुबह से 50 मरीजों को वे अभी तक देख चुके हैं। उन्‍होंने बताया कि सर्दी-जुकाम और खांसी के मरीजों को अनिवार्य रूप से कोविड जांच लिखी जा रहा है।

गोरखपुर जिला चिकित्‍सालय के एसआईसी डा. अभय चन्‍द्र श्रीवास्‍तव ने बताया कि ओपीडी शुरू करने का संदेह तीन से चार दिन पहले ही हो गया था। सीएम योगी आदित्‍यनाथ के संकेत के बाद बैठक कर यहां पर ओपीडी को दो भाग में बांट दिया गया है। ऐसे में मरीजों की भीड़ और सड़क पार कर आने की समस्‍या और दुर्घटना से बच सके।

ओपीडी के साथ नए ओपीडी में दवा वितरण की व्‍यवस्‍था को शिफ्ट कर दिया गया है। पुराने ओपीडी में भी इसी कारण भीड़ कम हो गई है। ओपीडी शुरू होने से मरीजों को सुविधा के साथ संतोष भी मिल रहा है। ग्रामीण अंचल के मरीज सीएचसी-पीएचसी पर जा सकते हैं। शहर के मरीजों को प्राइवेट अस्‍पतालों में जाने से असुविधा हो रही थी। उनकी परेशानी कम हुई है। संदिग्‍ध मरीजों की स्‍क्रीनिंग भी की जा रही है। लोगों को मास्‍क लगाने के साथ सोशल डिस्‍टेंसिंग का भी पालन करने की अपील कर रहे हैं।

रिपोर्ट- सचिन यादव

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