Home राजनीति प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने वायनाड के बजाय रायबरेली क्यों नहीं भेजा.
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प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने वायनाड के बजाय रायबरेली क्यों नहीं भेजा.

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लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके है नतीजे आप के सामने है देश के प्रधान मंत्री भी नरेंद्र मोदी है लेकिन लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद केरल की वायनाड लोकसभी सी एक बार फिर चार्चा में आ चुकी है 2019 में पहली बार वायनाड सुर्खियों में आया था, जब राहुल गांधी अमेठी के साथ वायनाड से भी उम्मीदवार बने थे  और अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली से जीते है जीत के बाद उन्होंने रायबरेली से सांसद रहना पसंद किया और वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया है. जिसके बाद कांग्रेस ने वायनाड से उपचुनाव में प्रियंका गांधी को उतारने का फैसला किया है. इसी के साथ गांधी परिवार का एक और सदस्य चुनावी राजनीति में साउथ से एंट्री करने जा रही है

गांधी परिवार का साउथ से पुराना रिश्ता रहा है. इंदिरा गांधी 1978 का उपचुनाव कर्नाटक के चिकमगलूर से जीतीं थीं. इसके बाद 1980 में इंदिरा ने आंध्र के मेडक सीट से जीत हासिल की. 1999 में सोनिया गांधी ने भी अपना राजनीतिक करियर दक्षिण से किया था. वे 1999 में अमेठी और कर्नाटक की बेल्लारी सीट से चुनाव लड़ी थीं और दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, बाद में बेल्लारी सीट उन्होंने छोड़ दी थी.

लेकिन अब प्रियंका गांधी राजनीति में पिछले तीन दशक से सक्रिय हैं और अब वह अपना पहला चुनाव दक्षिण भारत के वायनाड से लड़ रही हैं। वायनाड केरल का जिला है, मगर लोकसभा क्षेत्र में मलप्पुरम और कोकीझोड़ जिले के इलाके भी शामिल हैं। मलप्पुरम की तीन विधानसभा के कारण वायनाड लोकसभा की धार्मिक डेमोग्राफी बदल जाती है। इस लोकसभा सीट में वायनाड की तीन, मल्लपुरम की तीन और कोकीझोड़ की एक विधानसभा सीटें आती हैं। वायनाड की तीन विधानसभा सीटों में से दो पर कांग्रेस और एक पर सीपीएम के विधायक हैं। कोकीझोड़ की तिरुवम्बाडी सीट पर भी सीपीएम का कब्जा है।

मल्लपुरम की तीन विधानसभा सीटों में एक एलडीएफ और दो यूपीएफ के पास है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, वायनाड जिले में करीब 49.5 फीसदी हिंदू और 21 प्रतिशत क्रिश्चियन और 28.8 फीसदी मुसलमान हैं। जब परिसीमन में बनाए गए वायनाड लोकसभा सीट की बात की जाए तो क्षेत्र में 48 फीसदी मुस्लिम और 41 प्रतिशत हिंदू वोटर हैं। क्रिश्चियन वोटरों की अनुमानित आबादी 15 फीसदी आंकी जाती है। मलप्पुरम केरल का अल्पसंख्यक बाहुल्य जिला है, जहां मुसलमानों की आबादी 70 फीसदी है। 2011 की जनगनणा के मुताबिक, केरल में मुस्लिम की कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा मलप्पुरम में है। वायनाड लोकसभा में 13,59,679 वोटर हैं और हर चुनाव में औसतन करीब 10.8 लाख वोटर मतदान करते हैं।

वायनाड से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद सोशल मीडिया समेत राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि इस सीट से बीजेपी किसे उम्मीदवार बनाएगी. चर्चा ये भी है कि बीजेपी तेज तर्रार नेता स्मृति ईरानी को वायनाड सीट से उतार सकती है. भले ही स्मृति ईरानी इस बार अमेठी से के एल शर्मा के सामने लोकसबा चुनाव  हार गई हों, लेकिन 2019 में वे कांग्रेस के गढ़ अमेठी से राहुल गांधी को हरा चुकी हैं. ऐसे में बीजेपी उन्हें इस सीट से उतार कर मुकाबला दिलचस्प बना सकती है.

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